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जय हो नमामि देवी नर्मदे
खुशहाली चहुंओर कर दे ।
अमरकंटक धरा से चली
हर विपदाओं को माँ हरने ।।
जय हो देवी नमामि नर्मदे
हर मन को स्वच्छ कर दे ।
स्वच्छता समर्पण के भावों
का हर जन को माँ वर दे ।।
जय हो देवी नमामि नर्मदे
प्यासे कंठों को तर कर दे ।
पत्थर दिल इंसान को भी
माँ नर्मदा, शंकर कर दे ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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