गणतंत्र

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babulal sharma

भारत  भू   स्वाधीन,  हुई  कुर्बानी  देकर।
वतन  बाँट दो भाग, घाव गहरा  ये लेकर।
पहले  फूँके   स्वप्न, पूत    हमने  न्यौछारे।
शुभ दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे।

आजादी   पर  हर्ष,  मनाए  हमने  भारी।
बँटवारे  के  साथ, स्वदेशी   सत्ता   धारी।
संविधान   निर्माण ,मान गणतंत्र   दुलारे।
शुभ दिन है गणतंत्र,बहुत अरमान हमारे।

लोकतंत्र  मजबूत, रहे जनता के  हित में।
मात भारती शान, बसे सब ही के चित में।
सब मिल करें प्रयास,वतन तकदीर सँवारे।
शुभ दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे।

झगड़ें  धर्म  न  पंथ, सभी  निरपेक्ष  रहेंगे।
विकसित हो यह देश, देश हित कष्ट सहेंगे।
सैनिक और  किसान, देश की दशा सुधारें।
शुभ दिन  है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे।

संविधान का मान,अमर हो विजय तिरंगा।
जब तक सूरज चाँद,हिमालय,पावन गंगा।
लाल  किले  प्राचीर, कभी न हिम्मत  हारे।
शुभ  दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे।

चुने राष्ट्रपति योग्य,नमन अरमान तिरंगा।
इन्द्र धनुष सम्मान, वतन हो यह सतरंगा।
मात भारती शान, सिंधु भी चरण पखारे।
शुभ दिन है गणतंत्र,बहुत अरमान हमारे।

भारत माँ के पूत,,नमन  हम करते तुमको।
देकर अपनी जान,किये आजाद वतन को।
देखें   हम  आकाश, चमकते  दूर  सितारे।
शुभ दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान  हमारे।

बना देश गणतंत्र, रखें हम इसे  सुरक्षित।
मिले हमें अधिकार,रहें कर्तव्य सुनिश्चित।
मातृशक्ति सम्मान, बढ़े नित यही विचारें।
शुभ दिन है गणतंत्र,बहुत अरमान हमारे।

हो  विज्ञान  विकास, धरा सोना  उपजाए।
विश्व गुरू सम्मान,देश विकसित कहलाए।
जय जवान बलवान, देश के  अरि  संहारे।
शुभ दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे।

कर शहीद का मान, मातु बलिवेदी  प्यारे।
देश  हेतु  बलिदान, बने है जो  ध्रुव  तारे।
शर्मा  बाबू   लाल,  सपूते   गीत   उचारे।
शुभ दिन है गणतंत्र,बहुत अरमान हमारे।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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