एहसास की अभिलाषा

0 0
Read Time2 Minute, 32 Second

ajay ahsas
तुम पुष्प से सुकुमार हो, तलवार की भी धार हो।
तुम ही भविष्य हो देश का, मजधार मे पतवार हो।
माँ भारती को मान दो, और बड़ो को सम्मान दो।
जो दुष्टता करते यहाँ, उन दुष्टों को अपमान दो।
कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो, और जीत सिर पर मढ़ चलो।
जो सतजनों को सताता हो, दुष्टों से जंग भी लड़ चलो।
अपनी कहो सबकी सुनो, जो ठीक हो तुम वो चुनो।
ब्रह्मांड में बस प्रेम हो, तुम धागे कुछ ऐसे बुनो।
तुम हो भविष्य देश के,
उस ईशरूपी वेश के
ममता दया करुणा यहाँ, निर्माण हो परिवेश के।
जिस तरफ हो तेरी नजर, दुनिया चले बस उस डगर
तू दांत गिनता सिंह के,
क्या करेगा तेरा मगर।
तेरे आगे सारा जग झुके, तू चाहे तो दुनिया रुके।
वो वीर भी धरती गिरे, तू मार दे जिसको मुक्के।
तू वीर बन बलवान बन,
तू भारत मां की शान बन।
तू शिक्षा दीक्षा दे जहाँ को, तू ग्यान की भी खान बन।
स्वार्थ तज बन स्वाभिमानी, परमार्थ कर बन आत्मग्यानी।
जो भी लिखे इतिहास को, वो गाये तेरी ही कहानी।
तू लड़ जा अत्याचार से, और रिश्तों के व्यापार से।
यदि बात न बने बात से, समझा उन्हें तलवार से।
शेखर सुभाष अशफाक बन, तू वतन खातिर खाक बन।
गीता कुरान गुरु ग्रन्थ साहिब, इन सभी जैसा पाक बन।
तू विवेकानन्द तू बुद्ध बन, और अधर्म के तू विरुद्ध बन।
गंगा के निर्मल धार सा, तू मन से अपने शुद्ध बन।
तू गगन उपवन सुमन, तू भोर की पहली किरन।
एहसास की अभिलाष ये, तू कर अमन अपने वतन।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

खूबसूरती

Wed Jan 16 , 2019
नजर का बहाव कहूँ या दिल का लगाव कहूँ असर इस कदर हुआ कि अंदाज बदलने लगे। सुरत लाजवाब कहूँ या तारीफे आफताब कहूँ होठ गुलाब कहूँ या बागों की गुलिस्ता कहूँ असर इस कदर हुआ कि मदहोश होने लगे। गोरे बदन कहूँ या इठलाती चाँद कहूँ गेसूओं को खोलकर […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।