पिता का कंधा

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charu shikha
पिता का कंधा
अम्मा की गोदी
सपनों मे परियों
संग खेली….
रात मे चाँद-सितारों
की टोली
उनके संग लुकाछिपी
खेली…
चंदा संग मामा की बाते
जुगनू बन रात मे घूमी
बाबा-बाबा
कहकर उनसे
कंधे पर जा कर बैठी
देखो खुला आकाश है ये
संदर-सुंदर
चाँद-सितारे
आँखो मे सपना बन आते
हमको पूरी रात जगाते
सुबह-सुबह
ध्रुव से मिलवाते
देखो कितना चमक रहा है
हैं अकेला
पर देख रहा है…
जो बच्चे मन को भाते
उनसे रोज मिलने आते
बच्चों को कहानी सुनाते
एक नया संदेश
दे जाते…..।
#चारू शिखा
परिचय- 

नाम – चारु शिखा

शिक्षा – बी. ए. (लखनऊ विश्व विद्यालय )
प्रकाशन – अमर उजाला कॉम्पेक्ट ,डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट (लखनऊ )
-सुबह सवेरे डेली न्यूज़ पेपर (भोपाल ) एवं पत्रिकाओं में कविता,
-लघु कथा एवं लेखों का समय -समय पर प्रकाशन |

पुस्तक –  लघु कथा एवं काव्य संग्रह सम्मान – वुमन आवाज सम्मान एवं काव्य संपर्क सम्मान (जयपुर ,राजस्थान )पता –      उन्नाव, उत्तर प्रदेश

 

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।