हरीभरी वादियों में काव्य की फुहारें

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साहित्य मंडल की अनोखी पहल, यादगार सहल
गोंदिया।
ईश्वर की मनभावन कृति प्रकृति और प्रकृति के सानिध्य में बैठकर जब विविध काव्य रस की फुहारें चलें तो वह दिन और पल मानसिक आनंद की अनुभूति के साथ अपनी चिर स्मरणीय छाप मानस पटल पर अंकित कर जाता है। ऐसी ही एक छोटी-सी पहल की साहित्य मंडल, गोंदिया ने रविवार, दि.२ दिसम्बर 2018 को।
गोंदिया के निकट प्राकृतिक वन सम्पदाओं से आच्छादित ओझीटोला ग्राम के सुरम्य वातावरण में मंडल के सदस्य कवियों के वनभोज के साथ काव्यामृतवर्षा के आयोजन में की। एक ओर आकाश की ऊँचाई को छूने प्रयासरत पर्वत, दूसरी ओर तालाब व नहर में बहता पानी, मंद-मंद हवा के शीतल झोकों से अंतर्मन  को आकर्षित करते पेड़, पक्षियों का कलरव और हास्य-व्यंग्य, ग़ज़ल-गीतों की कवियों द्वारा प्रस्तुति तन-मन में नवजीवन का संचार कर गई। मंडल के वरिष्ठ कवि रमेश शर्मा के कुशल संयोजन में वनभोज के साथ काव्यवर्षा अपने आप में एक अनूठा आयोजन साबित हुआ। वारासिवनी से पधारे हास्यव्यंग्य के सशक्त कवि अंतु झकास प्रमुख अतिथि, मराठी के सिद्धहस्त कवि माणिक गेडाम की अध्यक्षता व कवि कुशल वक्ता रमेश शर्मा के विशेष आतिथ्य में कवि नरेश आर गुप्ता,लक्ष्मीकांत कटरे, छगन पंचे ‘छगन’, निखिलेशसिंह यादव व शशि तिवारी के साथ कवि अंतु झकास, रमेश शर्मा, माणिक गेडाम की कविताओं ने इस सहल की पहल को सार्थकता प्रदान की।
संचालन का दायित्व निखिलेशसिंह यादव ने बखूबी संभाला। अध्यक्षीय संबोधन में माणिक गेडाम ने आयोजन की सफलता पर रमेश शर्मा को विशेष धन्यवाद दिया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।