आज फिर हरिया,देर रात गये नशे में आया और पूरा घर आसमान पर उठा लिया।सिया की पूरी रात आंसुओं में गुजरी।        हरीराम, गांव का होनहार,बारहवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण युवक।सब उसे प्यार से हरिया कहते थे।पिता की खेती-बाड़ी भी अच्छी तरह से […]

दिन के बारह बजते ही रत्तो बेचैन हो जाती थी। तुरंत अपने बक्से की तरफ झपटती थी और एक चिठ्ठी निकाल कर अमरैया की तरफ दौड़ पड़ती थी। आज भी बारह बजते ही उसने ऐसा ही किया। आंगन में  बैठी माँ उसे देखकर भी अनजान बन गई और रत्तो के […]

वीणावादिनी के वरण्य ज्ञान के सागर आपर नवल सृजन के स्वप्न दिखाएँ आपसे मिला यह पौरुष हमें नित वन्दन चरण आपके। असतो माँ सद्गमय से तमसो माँ ज्योतिर्गमय तक सब आपका ज्ञान मार्ग समरसता का दीप जलाने आये समाज में आप -ज्ञान का दीप जलाकर अलौकित कर दिये मन उदभाषिता […]

आज फिर अर्जी लगी, कान्हा तेरे दरबार में। नीच कर्मों से भी देखो, नहीं है डरता आदमी, पाप की गठरी है लादे, हर कोई फिरता यहीं, माँ-बहिन की आबरू फिर, लुट रही बाजार में।।। आज फिर—- सजता है बाजार देखो, स्वार्थ और फरेब का, लोक और परलोक की, चिंता किसी […]

“जीना-मरना, मरना-जीना, ये तो सब ईश्वर का खेला, नेकी की बस राह चलें हम, ये दुनिया तो है इक मेला।। रोज ही होते नये तमाशे, कठपुतली सा नाच-नचाते, इतनी कठिन डगर जीवन की, हर आदमी लगे अकेला।। उसकी रहमत सब पर बरसे, यही दुआ हम करें हमेशा, सुख-दुःख की है […]

इतनी खुशियाँ बरसे रिमझिम, आँगन तेरा भर जाये, चाँद-सितारे झूम के नाचे, आँगन तेरा भर जाये।। क्या चंपा, क्या जूही,बेला, रात की रानी छा जाये, गुलमोहर भी झूम के नाचे, आँगन तेरा भर जाये।। क्या टेसू,क्या पीली सरसों, आम की बौरें छा जायें, रंग,गुलाल की फुहार बरसे, आँगन तेरा भर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।