*शराब*

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babulal sharma

.                  🌼 *1* 🌼
हाँसी,खाँसी खो दिया,कितरा ही परिवार।
साँसी  बात  शराब  री, डूब गया घर बार।
डूब   गया  घर  बार, गरीबी घर  मैं  छाई।
दारू  को  है शौक, मिलै नहि  घर में पाई।
कहे लाल कविराय, यही  कंठा  री फाँसी।
कर शराब को त्याग,करै ली दुनिया हाँसी।
.                 🌼 *2* 🌼
दारू  दुख दारिद्रता,  दुश्मन  भी  दुस्वार।
सगे सनेही मीत जण, करे  नहि  एतवार।
करे  नहि  एतवार, भरोसो घर को कोनी।
माया  अरु  ईमान, डूबताँ   इनका  दोनी।
कहे लाल कविराय, मद्य  सौ जूते  मारूँ।
पीलो गम सरकार, मत पियो मगर दारू।
.                   🌼 *3* 🌼
नशो नाश को मूल़ है,और शान  प्रतिकूल।
मानुष जीवन आतमा,याँ कै नहि अनुकूल।
याँ कै नहि अनुकूल, बढ़ावै  या  अपराधी।
करै सबइ बरबाद, चले जब नशै री आँधी।
कहै लाल कविराय, बिगाड़ै न  सबै दरशो।
राख मान ईमान, मती  करजो  कदै  नशो।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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