कुछ अपनी निशानियाँ भी लिख दो
कोरे पृष्ठों में कुछ चित्रकारी कर दो,
सुख-दुख के क्षणों को इनमें लपेट दो
इन किताबों में तितलियाँ समेट दो ।।लोग थक हार कर लौट आएंगे जब
रास्ते में बिछी कहानियां पाएंगे तब
भूली बिसरी यादों को शुष्क हाथों से
सहला नम हो जाएँगे तब आँखों से ।।झरोखे हो जाते रोशनारे कुछ यादोंसे
झिलमिल लड़ियाँ उभर आती तारों से ,
चाँद भी निकल चमक जाता बादलों से
सूरज ने यूँ भर लिए हाथ आफताब से ।।हर लफ्ज उठ खड़ा होगा नए लिहाज में
लकीरों को समेटता रंगों के लिबास में ,
लड़खड़ाई थी लेखनी आई नए अंदाज में
खुशियों की सौगात सजा दो आगाज में ।।भर दो कोरे पटल की गागर को सागर से
चुनकर मुक्तक भंडार,ज्ञान के खजानो से
आवरण पृष्ठ पर बिछा देना सौंदर्य धारों के
भोर की विभोर में नृत्य करे पंछी यादों के ।।श्रीमती शोभा शर्मा
शिक्षा ::— बी.ए.–हिन्दी साहित्य , एम. ए.-अर्थशास्त्र – समाजशास्त्र ।
भोपाल (मध्यप्रदेश)
प्रमुख – विधा ::– हिन्दी कविताएँ ,मुक्तक ,क्षणिकाऐं , मुक्त – गीत ।
अन्य विधाऐं ::– आलेख ,लघुकथा ,विभिन्न प्रमुख कवियों के काव्य पर आधारित कविताएँ ,एवं समीक्षात्मक काव्य सृजन ।
अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ ::– मालवी भाषा में ::— गीत – कविताएँ , मालवी भाषा में –“” मालवा वृत्तांत “” किताब ।
बुन्देलखंडी भाषा में ::– गीत ,कविताएँ ।
आकाशवाणी बैतूल में एंकर —
गीत ,कविताओं का प्रसारण ।
आकाशवाणी भोपाल से प्रसारित कविताएँ ।
दूरदर्शन भोपाल में क्षेत्रीय – मालवी भाषा में गीत प्रसारण ।
पुस्तक प्रकाशन : – शीर्षक —“” मालवा – वृत्तांत “”
प्रकाशन वर्ष — 2018
Read Time2 Minute, 21 Second