मानवता की खिल्ली को

0 0
Read Time2 Minute, 6 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
(भूख से मरी वो दोनों बच्चियां मुझे सोने नहीं दे रहीं रोज रात को आकर वो मुझसे खाना मांगती हैं रोटी दिखाते ही वो हँसकर लौट जाती हैं । अगर आदमी जैसा कुछ भी है शरीर में तो सोंचिये विचारिये मनन करिए और उनके जान जाने के दर्द को महसूस करिए)
————————————————————————
सुबह ही तो गया था वो
और फिर न लौटा
जो घर में छोड़कर गया था दो फूल सी बच्चियां
एक भगौना और एक लोटा
शाम आई आफत बनकर
भूख प्यास से आहत बच्चियां
उसके गवाह बने दो पेड़ और उनकी गिरी पत्तियां
दोनों की उम्र थी सात और नौ साल
पहाड़ सी मुसीबत और सम्हालने को नौनिहाल
——————————————————————–
पहली रात आई …..
और शुरू हुई भूख औऱ प्यास से उनकी लड़ाई
सुबह भी हुई पर उनकी जिंदगी में कहाँ उजाला था
देखने को आंखे थी औऱ दुष्वारियों का निवाला था
नींद भी तो नदारत थी वरना  वो सपने में ही पा लेती
कोई देने होता तो वो मांगकर भी खा लेती
पूरे सात दिन और रातें
उन्होंने क्या क्या गिनकर काटे
———————————————————————
राजधानी की भीड़ में वो होती रहीं कंकाल
न रोटी न चूनी न आटा न दाल
दोनों फूल बिना अन्न जल के सूख गए
चाँद और सूरज जमीन पर गिरकर टूट गए
दिल्ली के इतिहास में इतना बड़ा धमाका
पर कहीं कुछ लगा नहीं हुआ सा
ये देखकर रोईं घर की मकड़ियां चीटियां और झींगुर
सांत्वना देने आये गली की एक कुतिया और दो कुकुर
हुआ क्या था आखिर युधिष्ठिर की इंद्रप्रस्थ और आज की दिल्ली को
कि कोई देख ही न पाया
मानवता की इस खिल्ली को
#दिवाकर 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मा. प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित 31वीं केंद्रीय हिंदी समिति की बैठक में हुई वार्ता।

Thu Sep 20 , 2018
केन्द्रीय हिन्दी समिति की 31वीं बैठक 6-09-2018 को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में उन्हीं के निवास पर संपन्न हुई। इस बैठक में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह के अतिरिक्त मानव संसाधन विकास मंत्री, रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, गृह राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।