क्या करूँ

0 0
Read Time2 Minute, 51 Second
jaswant
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।
इन नेताओं की ईमानदारी के ,
सारे राज खोल दूँ ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
भेड़ चाल से सरकार बन रही ,
जबकि वोट हमारा अधिकार है ।
नेताजी कह रहे , मुझे ही वोट देना ,
ले पहले ,दारू की  बोतल , खोल तू ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
वोट लेने तक ,
पड़ जाते है पैरो में ।
जीत जाए , तो फिर कहते ,
कौन है , भाई ! बोल तू ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
नेताजी गुंडे बन जाते ,
अपना खूब प्रकोप दिखाते ।
इस गन्दी राजनीति को ,
आँख बन्द कर तोल दूँ ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
गाड़ी , बंगला और दौलत ,
ऐशोआराम की जिंदगी है ।
इस दुनिया भर की महंगाई में कहे ,
दस पैसा सस्ता पेट्रोल दूँ ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
रिश्वतखोरी , गुण्डागर्दी , कालाबाजारी ,
ये दिनदहाड़े करते है ।
फँस जाए तो , चुटकियों में फैसले होते ,
और , जज को बोलते ,
तेरी कीमत बोल तू ।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
बलात्कारी खुलेआम घूम रहे ,
देशद्रोही नेता बन रहे  ,
भरी सभा में  कॉलेजो में कह रहे ,
भारत माँ की जय , मत बोल तू ।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
तरह-तरह के घोटाले हो रहे ,
सैकड़ो की चीज , हजारो में ले रहें  ।
महंगाई ऐसे तो कम नहीं होगी ,
जनता , दिल की बात , बोल तू ।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
नेताजी विदेश घूम रहे ,
सीमा पर सैनिक शहीद हो रहे ,
क्रिकेट में करोड़ो और
शहीद की बेवा को चंद कागज के टुकड़े ,
मैं पूछता हूं , क्यों उड़ाते इनका मख़ौल यू ।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
भ्रष्ट नेताओं ने ही बिगाड़ा ,
इस सोने की चिड़िया का स्वरूप ।
आज सब अंधभक्त हो रहे ,
“जसवंत” खुल कर बोल तू ।।
क्या करूँ ,
मौन रहूं या बोल दूँ ।।।।
इन नेताओं की ईमानदारी के ,
सारे राज खोल दूँ ।।।।।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

एकात्म मानववाद के प्रेणता महामना दीनदयाल

Mon Sep 24 , 2018
      युग दृष्टा, कर्मयोगी और सामाजिक चिंतक पं. दीनदयाल उपाध्याय का जीवन दर्शन हम सबके के लिए प्रेरणादायी हैं। वह कपटरहित, निष्ठावान व्यक्तित्व और राष्ट्रीय कृतित्व से अभिभूत भारत माता के सच्चे पुजारी थे। उनके बुद्धि कौशल व राजनैतिक चातुर्य और निस्वार्थ देशप्रेम के भाव से ही वे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।