सोच रहा हूं कि किताब लिखूं, शीर्षक में ही सब हिसाब लिखूं। तू मेरी मदद कर हाथ बँटा, क्या लिखूं सही-सही बता। फौजी सैनिक सम्मान लिखूं, कि मंदसौर गोलीकांड लिखूं। प्यासी धरती,रुठा आसमान लिखूं, कर्ज में डूबकर मरता किसान लिखूं। बन्द बाजार,चक्काजाम या हड़ताल लिखूं, खुली आंख-कान की अंधी-बहरी सरकार […]

ये रोज हमें आवाज लगाता कौन है, नदी किनारे मीठा गीत गाता कौन है। सुबह नींद से हमें जगाता कौन है, ख्वाब में आता नहीं,ख्यालों में आता कौन है। हमारे नाम से ख़त भिजवाता कौन है, ये रस्ता और वो मंजिल पर पहुँचता कौन है। झूठ बोलकर आया हूँ, तेरे […]

जो अभी तक दल बदल रहे थे, परिणाम आते ही कुछ तो रंग वदलेंगे। विजयश्री पाकर चलेंगे अकड़कर, ऐसे अपना वो भी स्वभाव वदलेंगे। बिना कमीशन के तो फिर ये नेता उखड़ी, सड़क पर डामर तक नहीं वदलेंगे। सूरत क्या बदलेंगे शहर की वो जानते हैं उन्हें पहले खुद की […]

आज न जाने क्यों रोने का मन कर रहा है, आँचल में माँ के सो जाने का मन कर रहा है। ये गुजरती ज़िन्दगी को अब, थम जाने का मन कर रहा हे। खबर लेने आए थे वो कभी,इसी उम्मीद में, आज फिर बेहाल होने का मन कर रहा है। […]

अहसास करा दूँ क्या उनको, नानी याद दिला दूँ क्या उनको। समंदर से मोती ढूंढकर दिखा दूँ क्या उनको, हार को जीत में बदलकर दिखा दूँ क्या उनको। प्यार में उनके एक और ताजमहल बनाकर दिखा दूँ क्या उनको, कितना प्यार है उनसे,सीना चीर दिखा दूँ क्या उनको। उनके वगैर […]

बात-बात पर टीका टिप्पणी लिख देते हो, निडरता तो देखो, हुकूमत के खिलाफ लिख देते हो। भाषाई चमत्कार से वाकिफ है वो, हर मुद्दे को क्यों खाली हाथ लिख देते हो। दिखा दे कोई जख्म सच्चाई के शब्दों में, तुम आज भी जज्बात लिख देते हो। पंछियों की भाषा जानते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।