जीवन एक यात्रा 

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anup sinh
जीवन एक यात्रा ऐसी जिसमे पथ के विषम जाल हैं
कहीं शिखर पद के नीचे तो कहीं गर्त में झुका भाल है
उठा रहा गिरि कहीं विपद् को कहीं पवन को रोक रहा
है एक प्रवाह सनातन चलता काल स्वयं ही झोंक रहा
चलता राही पथ पर अपने साधे निज मंजिल की तान
देता आलिंगन यात्रा में मिलें निशा या मिलें विहान
कुछ भ्रम की बाधायें आती जब यात्रा गतिमय होती है
बुद्धि विचार-द्वंद में अपने कुछ निर्णय की गति खोती है
यहां धीर है वीर स्वयं जो वही प्रबल निर्णय लेता है
साध्य प्राप्ति संभव करने को नयी राह जग को देता है
पर जो हारे द्वंद बेचारे वो भी कुछ तो चुन लेते है
चाह रही हो या न रही हो पर सपने कुछ बुन लेते है
चलती जाती सतत् धार यह सृष्टि चक्र के सरिता की
भंवरों पर चढ घूम रहा है तत्व कोई मदमस्त विलासी
उथल पुथल जो अंतस्थल में शेष वही आधार सृजन का
सृजन कि जो है ध्वंस करता हर युग में इक नये विजन का
कहां खड़ा है जगत आज जो पड़ा हुआ था गत में कल को?
ग्रहण कर रहा काल द्वार से भविष्यत् के हर पल पल को
शेष वही बस यात्रा जो कि बढ़ी जा रही चली जा रही
इक जीवन के बाद नयी बलि समय यज्ञ में चढ़ी जा रही
बलि जो समष्टि हित को चढ़ती परम्परा के परिष्करण को
नाश तिमिर का हो जग से कुछ बुझे कुंड में अग्नि ज्वलन को
इस बलि के ही बल पर जग का घूम रहा हर चक्र प्रगति का
मानवता के उच्च शिखर की ओर उठ रहा पथ अवनति का
चले विश्व जिस पर पग धरकर पहुंचे अपने मोक्ष द्वार तक
खोले पट उत्तर कोषों का पाये सब अंतिम विचार तक
गूंथे स्वयं विचार हार को औ पहनायें जग जेता को
जो यज्ञ अग्नि जीवित रखने को स्वयं जल गया उस नेता को ।

#अनूप सिंह 

परिचय : अनूप सिंह की जन्मतिथि-१८ अगस्त १९९५ हैl आप वर्तमान में दिल्ली स्थित मिहिरावली में बसे हुए हैंl कला विषय लेकर स्नातक में तृतीय वर्ष में अध्ययनरत श्री सिंह को लिखने का काफी शौक हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य-राष्ट्रीय चेतना बढ़ाना हैl 

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।