माँ ने  हिन्दी नाम दिया 

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nilima mishra
संस्कृत ने संस्कृत कर जन्मा भारत को
वरदान दिया ,
पाला पोसा खूब सजाया माँ ने हिन्दी
नाम दिया ।
सहज मधुर शब्दावली  मेरी लिखना -पढ़ना
सभी सरल ,
रस  से भरी गगरिया मेरी छंद काव्य का
जाम दिया  ।
बहने मेरी सब भाषायें मेरा झगड़ा कहीं
नही ,
हाथ पकड़ कर हम चलती हैं एक दूजे का
प्राण दिया ।
मेरी प्रीत मिली तुलसी को राम चरित गाया
उसने ,
सूर ने श्याम का दर्शन पाकर राधे -राधे
नाम लिया ।
कबिरा मस्त फक्कड़ी बोले पंचमेल
खिचड़ी उनकी ,
कहे कबीर सुनो भई साधो हिन्दू तुरक
सलाम किया ।
कहि रसखान मिले मोहे मोहन वृंदावन के
कुंजन  में ,
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर गली -गली हरि
नाम लिया ।
कोई कहे अंग्रेज़ी जीती कोई कहे द्राविड
भाषा ,
आदि मध्य से लेकर अब तक मैने  कब
विश्राम किया ।
भारत माँ की बिंदी हिंदी जग भर में है
सम्मानित ,
पश्चिम की भाषाओं ने तुमको कितना
सम्मान दिया
नाटक कथा गीत गजले पद उपनंयास
फ़िल्मी गाने ,
देश विदेश में गीत ग़ज़ल को तुमने नया
मुकाम दिया ।
पखवाड़ों तिथियों घंटों में तुम अब न बंध
पाओगी ,
खूब उड़ो ऊँचे नभ तक तुम जन गण मन ने
ठान लिया ।
# नीलिमा मिश्रा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।