हिन्दी दिवस

0 0
Read Time1 Minute, 37 Second
vindhya prakash
हिंदी है मेरी मातृ सदृश हिंदी की गौरव गाथा है ।
हिंदी में लिखना भाव प्रकट
हिंदी ही हमारी भाषा है ।
हिंदी वैज्ञानिक लिपि वाली।
नहि मूक स्वरों का समावेश
निज भाषा उन्नति से ही
मिल एक  हुआ सम्पूर्ण देश ।
विस्तृत कलेवर हिंदी का
विश्व में  दूसरा  स्थान
कई बोलिया इसमें शामिल
देवनागरी लिपि निशान।
पांच उपभाषाए है इसमें
अट्ठारह  बोलियां वर्गीकृत
हिन्दवी देहलवी खडी बोली
कई नाम से है गर्वित।
भारोपीय परिवार की भाषा
हिंदी भाषा की बोली लिपि ।
343 से 351 तक वर्णित है भाषा विधि।
हिंदी श्रंगार भारत माँ की
मस्तक की बिन्दी बनी हुई
504 कुंजिया है संगणक मे लिखी हुई।
भाषा की फिल्मे विश्व जगत मे अपना स्थान बनाती है।
मारीशस नेपाल पाकिस्तान सहित
कई देशों में देखी जाती हैं ।
कवि रचनाओ फिल्मों  गीतो से
हिंदी हमारी समृद्ध रही
आदि जननि संस्कृत संग
तत्सम शब्दों से  बद्ध रही।
गौरव हमारी भाषा है,
समृद्ध हमारी भाषा है ।
दूसरी विश्व में स्थान लिए
पहली बनने की आशा है ।

  #विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

     प्रतापगढ उ प्र 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

लोग आजकल

Thu Sep 13 , 2018
आग की लपटों के नीचे एक राख सी है। बर्फ पिघल रही है मगर एक भाप सी हैं।। यूं तो रोशनी हर तरफ उजाला फैलाती हैं । लेकिन लोगो के खुले जख्मो को दिखाती है।। माना ये अंधेरा एक सन्नाटा सा लपेटे है। पर ना जाने कितने दर्दो को अंदर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।