झूमें नाचें गाएं हम खुद हर्षें व
सबको हरषायें हम,
व्रृक्षारोपण के द्वारा धरती को
स्वर्ग को बनायें हम।
धरती का रूप सजाकर हरियाली
की चादर ओढायें हम,
हरी-भरी कर धरती को दुनिया
जग हरयाएँ हम ।
माँ से बढकर धरती माँ हैअपना
फर्ज निभाएँ हम,
पूजा करके मात्रभूमि का कुछ तो
ऋण चुकाएँ हम।
काटे व्रक्ष अन्धाधुन्थ जो अपनी
भूल मनाएँ हम,
व्रृक्षों की रक्षा कर ही कुछ तो
संभल ही जाएँ हम।
नवजीवन सबको देती हरियाली
को बढांएँ हम
सबसे उत्तम रीत यही वन
सम्पद बचाए हम।
#सुनीता मिश्रा ‘सुनीत’
परिचय
सुनीता मिश्रा’सुनीत’ शिक्षक
जीवन साथी-नरोत्तम मिश्रा
शिक्षा-एम.ए.हिन्दी साहित्य
सम्प्रति-शिक्षिका शासकीय माध्यमिक शाला पोलीपाथर रामपुर जबलपुर
विधा-कविता, गीत, गज़ल, लघुकथा,भजन, कहानी,लेख आदि
सम्पर्क सूत्र-848नरसिंह वार्ड जबलपुर( म. प्र.) फोन -0761-2421424मो.9479843702
प्रकाशित कृतियां-“सुहागलों की कथा,” ” मेरी ओर निहारो प्रभु “भाग -एक,दो,तीन भजन संकलन।
“करना है उपकार हमें”
“बलिदान न भुलाएं हम”
“घायल है पर्यावरण”(काव्य संग्रह)
आकाश वाणी से रचनाओं का प्रसारण।
अनेक सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं से 25से
अधिक प्रशस्ति पत्र। वर्तमान में
5सितम्बर 2017 राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान भोपाल (मुख्यमंत्री
माननीयब शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा।
ध्येय वाक्य-‘मेहनत इतनी
खामोशी से करो कि
सफलता शोर मचा दे।’