इन्सान से इन्सान

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madhavi upadhyay
इन्सान से इन्सान,
अब भयभीत हो गए ।
         भावना है मर गई
         संवेदना झुलस गई,
         व्यक्ति स्वार्थ हो गया
         अर्थ व्यर्थ हो गया ।
         प्रेम और सौहार्द का
         विश्वास आज खो गया ।।
         पाप पुण्य बन गया
         पुण्य पाप हो गया ।
         ऐसी बयार बह चली …
         कि सब अनर्थ हो गया ।
         मनुष्य में मनुष्य की
         तलाश शेष रह गई !
इन्सान से इन्सान अब सभीत हो गया ।।

                      परिचय:

नाम         : माधवी उपाध्याय 
जन्म स्थान: बिहार  ( चार घाट)
वर्तमान पता: जमशेदपुर ( झारखंड )
पिता का नाम : डा आचार्य हरेराम त्रिपाठी चेतन
पती का नाम :  सुनील कुमार उपाध्याय 
शिक्षा : बी.एड (हिंदी साहित्य )

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