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जिंदगी यादों की कहानी है।
जिंदगी मौत की मेहरबानी है।
जिंदगी एक अनबुझ पहेली है।
जिंदगी दो दोस्तों का मिलन है।
जिंदगी चार आश्रमों का तपोवन है।
जिंदगी पंचतत्वों का मिलन है।
जिंदगी छह ऋतुओं का मौसम है।
जिंदगी सात सुरो का सरगम है।
जिंदगी नौ रत्नों का बहुमूल्य हार है।
जिंदगी बारह महीनों का त्यौहार है।
जिंदगी चौदह विद्याओं का ज्ञान है।
जिंदगी सोलह संस्कारों की मर्यादा है।
जिंदगी आशीष से बनती महान है।
जिंदगी ‘रिखब’को ईश्वर का उपहार है।
#रिखबचन्द राँकापरिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी नगर स्थित न्यू सांगानेर मार्ग पर हैl आप लेखन में कल्पेश` उपनाम लगाते हैंl आपकी जन्मतिथि-१९ सितम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-अजमेर(राजस्थान) हैl एम.ए.(संस्कृत) और बी.एड.(हिन्दी,संस्कृत) तक शिक्षित श्री रांका पेशे से निजी स्कूल (जयपुर) में अध्यापक हैंl आपकी कुछ कविताओं का प्रकाशन हुआ हैl धार्मिक गीत व स्काउट गाइड गीत लेखन भी करते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि और हिन्दी को बढ़ावा देना हैl
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