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*मंदसोर की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले बलात्कारी पर मौन नेता अभिनेता मिडिया एवं तमाम बुद्घिजीवीयों को धिक्कारती मेरी रचना*
सुन इंसान , तुझे क्या हो गया ,
इंसान से , क्यों हैवान हो गया ।
बच्चियों को सरेआम नोच रहा ,
कहाँ पर तेरा जमीर खो गया ।।
इंसान तुझे तरक्की मुबारक ,
औरतो से तू बच्चियों पर आ गया ।
बाप अब कैसे पाले बेटिया ,
वहसी दरिंदो का जमाना आ गया ।।
मछली सी , जिंदगी हो गयी बेटियो की ,
हाथ लगाओ तो डर जायेगी ।
कैसे जाए स्कूल , कैसे जाए कॉलेज ,
बाहर निकालो तो मर जाएगी ।।
हर रोज रिश्ते शर्मसार हो रहे ,
छोटी बच्चियों को खुलेआम नोच रहे ।
कोई मामा ,कोई चाचा , कोई है रिश्ते में भाई ,
हवस के पुजारी , रिश्तों पर चाकू घोंप रहे ।।
जब तक कानून नही होगा फांसी का ,
रोज एक आसिफा, निर्भया ,दिव्या मरेगी ।
मोमबत्ती जलाने से कुछ नहीं होगा ,
फांसी दो सालों को , तभी बच्चियां तरेगी ।।
जब किसी मंत्री की बेटी नोची जाएगी ,
तब जाके इनको नानी याद आएगी ।
राजनीति का भूत इनका खड़े-खड़े उतरेगा ,
तब जाके इनकी अक्कल ठिकाने आएगी ।।
मासूमों के होते रोज देख बलात्कार ,
शहर की वेश्या ने कह दी बड़ी बात ।
बिना पैसे के आ जाओ वहसी दरिंदो ,
पर मत नोचों इन मासूमो के जज्बात ।।
लाखों बच्चिया रोज हो रही शिकार ,
इनकी चीख नही सुन पा रही सरकार ।
“जसवंत” कहे फाँसी दो सालों को ,
नाबालिग , बालिग , जो भी करे बलात्कार ।।
नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )
पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)
माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी
धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )
शिक्षा – B.tech in Computer Science
व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा
राजसमन्द ( राज .)
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