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नित प्रगति के पथ पर बढ़
है किसने तुझको रोका?
पर ना कर छल न कर तू
अपनी जननी से धोखा
जननी जन्मभूमि की महिमा
शास़्त्र-वेद ने गाई है
जननी के आँचल में ही
ये सारी सृष्टि समाई है
शैली और भाषा में माँ के
चंुबन सा स्नेह है
एवं मातृ करों से निर्मित
पके भोज सा प्रेम है..
हुई पड़ोसन के सम इंग्लिश
उर्दू मौसी नाई(जैसी) है
मातृत्व के मधुरस जिसमें
हिन्दी अपनी माई है।
तो ना बन तू भाषा का चोर
कि माता हो गई भाव-विभोर
सभी रस बरसेंगे चहुंओर
रे हिन्दी बोल रे हिन्दी बोल..
कि रख ले मातृ प्रेम का मान
तू कर ले मातृभूमि का मोल
कि भारत माता करे पुकार
रे हिन्दी बोल रे हिन्दी बोल
ले अपनी वाणी में तू
सभी रसों के आस्वादन कर घोल
ना कर निज संस्कार पर वार
हो जिसमें पुनः विश्व उद्यार
रे हिन्दी बोल रे हिन्दी बोल..
हृदय बिंदु पर पड़ने वाली
हर रश्मि में तोल..
कि भारत माता करे पुकार
रे हिन्दी बोल रे हिन्दी बोल।।
नाम – अर्चना ”अनुपम“,
पता – कटनी (मध्यप्रदेश)
संपर्क सूत्र – कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन जबलपुर
सम्मान – काव्यश्री सम्मान
श्रेष्ठ कवयित्री सम्मान
नारी चेतना सम्मान
शैली – गद्य एवं पद्य दोनो में
प्रकाशन-जे0एम0डी0 पब्लिकेशन की मासिक पत्रिकाओं सहित विभिन्न
समाचार पत्रों में
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Thu Jul 5 , 2018
इंदौर। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा चलाये जा रहे जनसमर्थन अभियान के तहत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन अविचल ने बुधवार को केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साई से इंदौर में होटल रेडिसन में भेंट की। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के […]