ग़ज़ल

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pankaj sharma
या रब….! किस्सा सच्चा है क्या
जीवन एक खिलौना है क्या…!!
नील गगन की……., सैर करा दे
ऐसा कोई…., चारा है क्या….!!
पूछ रही….., मन की अभिलाषा
तारा कोई…., टूटा है क्या…..!!
दरवाज़े पर…., दस्तक़ कैसी….?
देखो अल्हड़ पुरवा है क्या…..!!
झूठ दिखाई…, देता जो सच….!
इन आँखों पर पर्दा है क्या…..!!
ये राघव की…….., लीला ही थी
मृग सोने का होता है क्या…..!!
टूटा कैसे…, दिल का दर्पण….?
पत्थर कोई…, फेंका है क्या…!!
पूछ रही क्यों……, नींद नयन से
चादर वादर तकिया है क्या….!!
क्या लाये……, क्या खोया तुमने
अपना और पराया, है क्या….!!
दुख है तो फिर.., सुख भी होगा
बेमतलब की चिंता है क्या…..!!
टूट गयी…, रिश्तों की माला….?
धागा इसका कच्चा है क्या….!!
संघर्षों का…., नाम है’ जीना…!
जीना खेल तमाशा है क्या…..!!
चीख उठा है……, एक “परिंदा”
देखो जाकर ज़िंदा है क्या…..!!
#पंकज शर्मा “परिंदा”
अलीगढ़ ( उत्तर प्रदेश )

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।