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दिल के हाथों बहुत मजबूर हैं हम।
न चाह कर भी ,तुमसे दूर हैं हम।
आँख भर के जो उसने एक बार देखा
बस,उसी मस्ती में चूर हैं हम।
ढूंढ ही लोगे पल मे तुम हमको
बदनाम होकर भी मशहूर हैं हम।
लाख कोशिशो के बाद भी न भरे
ऐसे रिसते हुये नासूर हैं हम।
धूल समझ कर न बिखेरो पाँव से
अपने आप में कोहिनूर हैं हम।
#सुरिंदर कौर
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