साहित्य सिर्फ समाज का दर्पण ही नहीं होता,बल्कि समाज को परिष्कृत कर नई दिशा भी सुझाता है….दिखाता है…..पहला कदम बढ़ाता है और इसके लिए साहित्यकार न जाने कितनी रातें और कितने दिन कुर्बान कर मानसिक रूप से वहाँ हो आता है ….उसको जी लेता है। सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव की […]

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भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है। तकरीबन १७१ भाषाओं और ५४४ बोलियों के साथ १२५ करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणांचल तक फैला हुआ है। संविधान सभा ने संविधान बनाते समय भारत के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी परिक्षेत्र को भाषाई आधार पर गैर हिन्दी […]

कविता हृदय का स्पन्दन है,यूँ कहा जाए कि स्वत: स्फूर्त आत्मिक उदगार  जब संगीत से तारतम्य लेकर काव्यशास्त्रीय शैली में प्रस्फुटित होते हैं तो कविता बन जाते हैं। कविता हृदय की स्वाभाविक अनुभूतिपरक प्रक्रिया है,जिसे हम दैवीय अनुकम्पा भी कह सकते हैं। लिखना एक अलग बात है,और कविता लिख देना […]

दोस्तों,एक बात में आप सभी को बताना चाहूंगा कि, लेखक जो भी लिखता है उसे कितना कुछ सोचना पड़ता है और इसकी समीक्षा भी करनी पड़ती है कि, इस बात का हमारे समाज पर क्या कुछ असर पड़ेगा ? वो अपनी तरफ से पूरी कौशिश करता है कि,पाठको के लिए […]

दिखावे की होड़ भी, लगती मृगतृष्णा-सी .. जब पैसों के पीछे, भागता है इंसान| समय और पैसा, जैसे रिश्तों से ज्यादा.. अहमियत रखता हो, तभी दौड़ -भाग के खेल में हो जाते हैं रिश्ते कमजोर| और तो और, दिखावे की होड़ में.. उड़ने पर जल जाते, उम्र के पँख | शायद, […]

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स्नेह की धारा है वह, है वात्सल्य की मूर्ति , वीरुध वही,वन वही, कालिका की वो पूर्ति | राष्ट्र,समाज और परिवार को वो समर्पित, स्व पर,हित को करती प्राण भी अर्पित | वाणी वही,गिरिजा वही,है दामिनी भी वह, कल्पना वो,प्रतिभा वही है,कामिनी भी वह| किरण है वह,है सुभद्रा,है महादेवी भी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।