अंतर्राष्ट्री महिला दिवस के अवसर पर एक लेख माँ तो माँ है / आप को लोगो के प्रति में समर्पित कर रहा हूँ / साथ ही सभी हमारी माता बहिनो को इस महिला दिवस की बहुत बहुत शुभ कामनाये और बधाई देता हूँ / हमें इस संसार में लाने वाली […]
शास्त्रों में नारी तुम नारायणी बताया गया है, नारी के बिना ये श्रुस्टी चक्र चल नहीं सकता है, फिर भी नारी को कुरीतियों से जकड़ रखा है, लेकिन डॉ बाबा साहब अम्बेडकर ने महिला ओ को कानूनी अधिकार दिलाया है, नारी को पढ़ाई के लिए और स्वरक्षण के कानून बनाए […]
मित्रों, यह आलेख खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है… जो स्कूल की पढाई कर रहे हैं…| साथ ही उन युवाओं के लिए भी जो बिना लक्ष्य के जीवन जी रहे हैं…| या उन सभी के लिए… जिन्हें अपना लक्ष्य बनाने में मुश्किल होती है…| तो चलिए… शुरू करें…! मित्रों, अभी […]
धर्म,शिक्षा और साहित्य के लिए विश्वविख्यात देश में आज प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला वेलेंटाइन डे, भारतवर्ष के सभ्यता एवं संस्कृति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वर्तमान युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से विमुख होते हुए अपने चरित्र का सत्यानाश रोज डे, चाॅकलेट डे, प्रपोज-डे,हग […]
हिंदी साहित्य में नारी का योगदान, नारी का जीवन बहुत ही संघर्ष से विरत है महिला साहित्यकारके लिए सबसे पहले बाहरी संदर्भों में उसका आंतरिक समय होता है, जहां वह जीती और सांस लेती है, और वहीं दुसरी ओर समय की चुनौतिया जिससे वे बिल्कुल परे होती है । उनके […]
कुम्भ मेले का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है । कुम्भ दो प्रकार का होता है – अर्ध कुम्भ और पूर्ण कुम्भ या महाकुम्भ । कुम्भ मेले का इतिहास लगभग 850 साल पुराना है और ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य जी ने इसकी शुरुवात की थी, परंतु कुछ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।