चीन हमें आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर ही मात देने की तैयारी नहीं कर रहा है बल्कि,सांस्कृतिक दृष्टि से भी वह हमें पटकनी मारने पर उतारु है। उसने चीनी स्वार्थों को सिद्ध करने के लिए अब हिन्दी को अपना हथियार बना लिया है। इस समय चीन की २४ लाख जवानों […]

प्रेमचन्द अग्रवाल यूको बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त हैं,जहाँ ये राजभाषा अधिकारी के रूप में हिन्दी कार्यान्वयन से जुड़े रहे। अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी क्षेत्र के महाविद्यालयों और  उच्च विद्यालयों में भी हिन्दी सम्बन्धी कार्य करते रहे हैं। इन्होंने हर विषय के प्राध्यापक  को हिन्दी के […]

हिन्दी के प्रसिद्ध कवि अजित कुमार का फोर्टिस अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गयाl वह ८६ वर्ष के होकर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थेl अजित कुमार का जन्म उत्तरप्रदेश के उन्नाव में जमींदार परिवार में हुआ थाl उनकी मां सुमित्रा कुमारी सिन्हा,बहन […]

14 जुलाई की सुबह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर प्रख्यात पत्रकार राहुल देव,विदुषी कथाकार चित्रा मुद्गल,पद्मश्री डाॅ.श्यामसिंह शशि,मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय,संपादक राकेश पाण्डेय तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. दर्शन पाण्डेय ने भी भेंट कीl सभी ने भोजपुरी और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में […]

हिन्दी के लिए लड़ने वाले मुबंई के प्रवीण जैन  ने राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय,भारत सरकार,नई दिल्ली) के सचिव को वस्तु एवं सेवा कर सम्बन्धी वेबसाइट,ऑनलाइन सेवाएँ, प्रारूप(फॉर्म), मैनुअल, विवरणी और ऑनलाइन पंजीयन आदि केवल अंग्रेजी में होने और राजभाषा की अनदेखी करने की शिकायत की हैl आपने शिकायत में कहा है कि,आज देश में आर्थिक एकीकरण के लिए वस्तु […]

हिन्दी प्रान्तों के लोग भी अगर हिन्दी को अपना लें तो इसे किसी अन्य भाषा-भाषी का मुखापेक्षी होने की ज़रूरत नहीं है। दुनिया की जनसंख्या में हिन्दी-भाषियों की संख्या बहुत बड़ी है,पर समस्या यह है कि अपने ही घर में हिन्दी जलावतन हो गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है उत्तर प्रदेश के […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।