यह विचित्र संयोग रहा कि,सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे। इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना,तब देश के दूसरे प्रदेशों की […]

नेता  जी  तो  सब  बने,नेती बनी  न कोय, ज्यों नेती  बनने  लगें,तो शोषण  क्यों होय। तो  शोषण  क्यों  होय,बने  नेता महतारी, देवें    ऐेसी   अक्ल ,नहीं   बनें भ्रष्टाचारी। कह पी के कविराय,हों काम सब हितकारी, जनता भी  खुश रहे,नेता  हों वचनकारी।               […]

14 जुलाई की सुबह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर प्रख्यात पत्रकार राहुल देव,विदुषी कथाकार चित्रा मुद्गल,पद्मश्री डाॅ.श्यामसिंह शशि,मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय,संपादक राकेश पाण्डेय तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. दर्शन पाण्डेय ने भी भेंट कीl सभी ने भोजपुरी और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में […]

सुने जो तेरे ये हालात,दिल डूब गया, चला था मैं जो तुम्हें जीना सिखाने, ख़ुद ही भूल गयाl न मेरे पास वो अल्फ़ाज़ बचे, न दिल में अब वो साहस है.. कैसे समेटूँ मैं तुझको, देख के तेरे ये ग़म , मैं ख़ुद ही बिखर गयाl हर आँसू को पी लेना, हर ग़म को हंस के जी लेना.. यही तो कहता रहा मैंl मगर देख के तेरे आँसू, मैं ज़िंदादिली भूल गयाl #डॉ.संजय यादव परिचय : राजस्थान के ज़िला-झुंझनू में डॉ.संजय यादव का मूल निवास हैl गाँव-पचेरी छोटी(तहसील-बूहाना) के डॉ.यादव की शिक्षा एमबीबीएस है,और वर्तमान में दिल्ली में ही रहकर कार्य कर रहे हैंl ग़ज़ल,कविताएँ और मुक्तक लिखने का शौक रखते हैंl सामाजिक […]

  पाखण्ड ही तो है जो ये तुम रोज खुद को समझाते हो, फल में देरी कहाँ है क्यों इस झूठ से खुद को बहलाते होl परिश्रम तो करो इन हाथों से, जिन्हें तुम रोज प्रार्थना के लिए उठाते होl परिणाम के बारे मे क्यों सोचते हो, पहले खुद को […]

     मेरी दीवानगी का आलम,        मेरी उम्मीद ए वफ़ा हो।       तुम पर है ऐतबार मेरा,           क्यों तुम ख़फ़ा हो॥      प्यासा एक सेहरा मैं,      तुम प्रेम की घटा हो।        बरसती मेरी आंखों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।