रोज देखा करता था उसे आते-जाते चार चक्कों की गुड़गुड़ी पर बैठा गंदा-सा मैला-कुचैला रेल्वे की प्लेटफॉर्म पर, आते-जाते राहगीरों को घूरता रहता था…। कभी-कभी अजीब हरकतें करता, राहगीरों का ध्यान पाने के लिए मांगता था वो कभी-कभी कुछ, पेट की आग बुझाने के लिए। प्लेटफॉर्म पर खड़ी रेलगाड़ी, के […]
आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]