आँख का पानी…

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har bhagvan
काश कोई मुझको अपना तो कहता,
आँख का पानी फिर यूँ नहीं बहता।
साथ चलने को उम्रभर किसने कहा,
कुछ कदम गर साथ कोई चल देता। आँख का…॥
फूल मुबारक पास जिनके वो रखें,
काँटों का भी हक़ ज़रा कोई देता।
आँख का…॥
हस रहा हूं यूं तो हंसने के लिए,
होता कोई ज़ख्म जिसे दिखला देता।आँख का…॥
थक गया हूं ढूंढते अब राह को,
होता कोई जो रास्ता बतला देता।
आँख का…॥
शिकवा नहीं है और न ही गिला किसी से,
सुनता कोई तो थोड़ा हाले दिल,सुना देता।
आँख का पानी फिर यूं नहीं बहता।

                                               #हर भगवान शर्मा

परिचय : हर भगवान शर्मा की जन्मतिथि-अक्टूबर १९५६ तथा जन्म स्थान-रामगढ़-अलवर (राजस्थान)है। आपका पैतृक स्थान-दिल्ली है,जबकि फिलहाल शहर-टोरंटो-कैनेडा में निवास है। शिक्षा में बी.कॉम.के साथ ही एम.ए., जनसंपर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा सहित पत्रकारिता में भी उपाधि ली है। कार्यक्षेत्र में आप न्यूयॉर्क(अमेरिका) में बैंक में मुख्य प्रबंधक रहे हैं। वर्तमान में टोरंटो में भी एक संस्था में प्रबंधक हैं। सामाजिक क्षेत्र में संस्थापक हरि मंडल कैनेडा,सुंदरकांड पाठ व भजन संध्या द्वारा एकत्र धन को नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई के लिए उपयोग करना सहित 16 वर्ष से सदस्यों के साथ सेवा में समर्पित हैं। आपकी पसंदीदा विधा-हास्य है,इसलिए आप हास्य व्यंग्य की रचनाएं अधिक लिखते हैं। सम्मान यही है कि,नार्थ अमेरिका में ‘लाफ्टर ब्रिगेड’ के नाम से आपको जाना जाता है। लेखन का उद्देश्य-मनोरंजन और सामाजिक जागरुकता फैलाना है। 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।