मनुष्य सबसे सुन्दर है प्राणी, सबसे ही बोले बहुत मीठी वाणी। देह तो है परिधान अपना, वसुधा ही है इक रंगमंच अपना। सत्यपथ पर चलते ही जाना, जीवन को ना तुम मलिन बनाना। कर्मों की शुचिता हो जीवन में सबकी , बने धन्य जीवन महिमा हो सबकी। मनुष्य तो है […]
भारत की स्वतन्त्रता के पूर्व हिंदी भारत की एक मात्र सर्वमान्य अघोषित राष्ट्र भाषा थी। आजादी की लड़ाई के परवानों ने सदा ही हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का भाषा सूत्र माना है और शायद यही कारण है कि भारत के संविधान निर्माण के समय भी […]
आज प्रेम कैसा सीमित है। हर मानव इससे भ्रमित है। प्यार स्वार्थ का पर्याय बना है। कामेच्छा जीवन लक्ष्य बना है। स्वतन्त्र मानव होकर के भी गुलाम विकारों का बना है। चारित्रिक दृष्टि से तब ही , आज मनुष्य पतित बना है। वक्त रफ्तार से गुजर रहा है। मनुष्य धोखा […]
(विश्व पृथ्वी दिवस) लें शपथ मिलकर सभी, वृक्ष न काटेंगे कभी। जो हर आंगन में वृक्ष होगा तो ही कल हमारा जीवन होगा। जब चारों ओर हरियाली होगी, तभी तो खुशहाली भी होगी। निसर्ग में जो विटप लगेगा, आने वाला संकट टलेगा। वृक्ष हमारे हैं हितैषी, फिर क्यों बने हम […]
लाया रखा अमावस को भी ताकत से उजियारे पर। सबका हिस्सा एक बराबर पुरखों के भुनसारे पर॥ बना नहीं मैं पाया सीमा विस्तारों पर, चला हुआ हूं,छांव खुशी की नहीं मिली है। मैं अभाव में ढला हुआ हूं॥ चोटी मिली बाप के दम से,बेटा खड़ा सहारे पर। व्यापक सोच-नजरिया बदले […]
मन की पीड़ा दिल का दर्द, सबकी बस एक तू ही दवा। मेरे कान्हा,मेरे मालिक तुझसे ये दूरी, कब होगी पूरी कब तक रहूँ मै यहाँ। मन को न भाए झूठे ये रिश्ते, कैसे निभाऊं इन्हें मै जाऊं कहाँ। रोती हैं आँखें याद में तेरी बावला हुआ है ये मन, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।