रहते थे एक घर में,परिवार एकसाथ, अकेले रहने का अब चल गया रिवाज़। टूटने लगे हैं घर जब से,गली गाँव में, बच्चों के मन से बुजुर्गों का,मिट गया लिहाज। दीवार खिंची आँगन में,मन भी बँट गए, जब से अलग चूल्हे का,चल गया रिवाज। दीवारें क्या खिंची,माँ-बाप बँट गए, बताने लगे […]