तुम चाय की पत्ती, मैं तुम्हारा दूध, बिन तुम्हारे अस्तित्व विहीन मैं हुआ बेसुध। तुम समाहित होती मुझमें, निखर उठता रूप, अपना लिया तुमने मुझको, धन्य हुआ ये कुरूप, तुम बिन ले उबाल हो जाता मैं क्रुद्ध, मिलन होता तुमसे हो शांत, तुम पर हो जाता मुग्ध मचल उठता […]
upmanyu
मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत सम्बन्धों को करता मजबूत, रह उपस्थित देते आशीर्वाद देवदूत, देख दृश्य सब रहते अभिभूत, वर्तमान काल में रह खुश भविष्य के सपने संजोते, सच हुए सपने, मिला उन्हें पूत मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत। बढ़ती चकाचौंध सम्बन्धों क़ो रौंद, टूटते रिश्ते, सम्बन्ध पिसते स्वप्न रहने का आजाद, […]