सुनो राधे… काश तुम मेरा मन नहीं, मुझे चुरातीl तो मुझे बरसाने से मथुरा, और मथुरा से द्वारिका न जाना पड़ता। न तोड़ने पड़ते निश्छल गोपियों के दिल, न देना पड़ता स्वपालकों को दर्द; न बनना पड़ता… महाविनाश का साक्षीl पर राधे…, मैं तुम्हारा शुक्रगुजार हूँ… कि, तुमने मुझे… अपने […]