सज-धज के तुम चली सजनियां, किसके होश उड़ाने को। बदली में तुम चली हिरनियां, बिजली किधर गिराने को॥ सज-धज के तुम चली…। ठुमक-ठुमक तुम चली कहाँ? पनघट पर प्यासे लोग खड़े। रुनक-झुनककर चली कहाँ? दर पर कितने लोग पड़े॥ रूप सुहाना लेकर रनियां, किसको चली रिझाने को। बदली में तुम […]