मैं बीज हूँ नफरत का, मेरे लिए जमीन तैयार किया गया है, मैं अभी तो अंकुरित हो रहा हूँ, फिर भी, असर दिख रहा है जन मानस पर, अपनों के बीच भी दरार है, वृक्ष का रूप भी होगा मेरा, फैलूंगा जन-जन में, राष्ट्र में, विश्व में,ब्रह्माण्ड में, छांव भी […]

किससे भय है मुझको,पापा! न आग से, न पानी से, न शेर से, न चीता से, न भूत से, न बेताल से, न किसी आपदा से, सबसे सामना कर लेते हैं हम। तुमने तो ही सिखाया है,पापा! कि मुश्किलों से डटकर मुकाबला करो । मैं करुँगी, और करती हूँ । […]

बस रहने दो, बस रहने दो । और ज़हर न घोलो । तन में घोला, मन में घोला, जन-जन में विष नफ़रत का घोला । अब तो सब जन मिलकर ये बोलो !!!!! बस रहने दो, बस रहने दो, और ज़हर न घोलो ।।1।। जल में घोला, हवा में घोला, […]

कहाँ गए सावन के झूले , जो हर डाली पर पड़े हुए थे। कहाँ गईं सखियों की टोली, जो पीहर में घर-घर विचर रहीं थीं। कहाँ गए बच्चों के  वो ऊधम , जो मामा के संग मचा रहे थे । कहाँ गए वो गांव हमारे, जहां सावन में रस बरस […]

मुसलिफी में जीना, शौहर का पीना, बात -बात में ताना, बाहरी का दुत्कार, अपनों से तिरिस्कार, पति का मार, हार-थक कर भी, वो थकती नहीं।।1।। बाहर मजदूरी, घर में गृहणी, बच्चों को संभालना, रूठना मनाना, प्यार -दुलार ,लोरी सुनाना, चूल्हा -चौक करना, थक कर भी, वो थकती नहीं है।।2।। दिन […]

उनके चेहरे को देखा तो,अपना भी कल नजर आया । वो चेहरे पर झुर्रियां, होठों पर कपकपी, पिचके हुए गाल, उफ़! आँखों में बेवशी । लाख कोशिश की हमने,पर बुढ़ापे का कोई न हल नजर आया। उनके चेहरे को देखा तो,अपना भी कल नजर आया ।।1।। श्वेत अधझड़े बाल, दाँतों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।