अमर क्रांति का दिवस आया, अगस्त क्रांति का दिवस आया । इस पावन बेला में, साथी नवयुग लाने का प्रण करते हैं । मां भारती के चरणों में शीश चढ़ाने का प्रण करते हैं ।। नौ अगस्त है ऐतिहासिक क्रांति दिवस, अंग्रेजों भारत छोड़ो… मुंबई में क्रांतिवीरों ने हुंकार भरी […]

दिन आया अति पावन पवित्र मकर संक्रांति की खुशियां फैलीं सर्वत्र उड़ेगीं आकाश में नीली -पीली पतंग सब जन मिलकर पढ़ो मानवता का मंत्र नहाओ भोर-भोर, कमाओ पुण्य-धर्म करो गंगा, यमुना, कावेरी से पावन कर्म खाकर तिल – लड्डू ,मूँगफली – गजक सब जन समझो त्योहारों का मर्म दान-धर्म कर […]

वो रेशमी काली घनी घुंघराली जुल्फें कहाँ वो झीलसी गहरी नशीली-नीली आँखें कहाँ भीगने को बरसात का खड़ी इन्तजार करे गोरी पर वो सावन की झड़ी लगने वाली बरसात कहाँ सीप में गिर बन जाये मोती ऐसी बूंद कहाँ सूर-कबीरा की कलम वाली अब धार कहाँ रिश्ते प्रेम के, रिश्ते […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।