ए  मोहब्बत मेरी तुम , लगती हो जैसे ढलती शाम, उगता रवि,चलती पवन कवि की कविता,शायर की शायरी गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी पक्षियों का कलरव, कोयल की राग पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे ए मोहब्बत […]

               पुष्प जो अंकुरित होने के,                   पूर्व ही तोड़ दिया जाता है, लगा झटका क्षीण दशा के वृक्ष को, मेरे सोच के परे है,दोष क्या था उसका। मुल्य का क्या था उसकी आशाओं का, आशाओ को पूर्व ही मिला था मिट्टी में, मातृ […]

  गीतों का मल्हार लिए, फूलों का श्रंगार लिए। खिल गए फूल अनन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ फूलों से खेत हो रहे हरे-भरे, पक्षी गीत गा रहे भावना भरे। नर-नारी और झूमे साधू सन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ नदियाँ फूलों से श्रृंगार करे, धरा भी किरणों से मांग […]

कली कोई जब भी कभी मुस्कुराई, हवाओं के झोंकों से वो कसमसाई। जो मैय्यत को मेरी निकाला सजा के, बड़ी बे-दिली से आग उसमें लगाई। ख़ुदा जाने किस दर्द ने है सताया, कि आँखों में जो ख़ूँ की बूँद आई। जो मुझसे ख़फ़ा थे सभी पास आए, मेरी मौत उनको […]

हर  गुत्थी  को  सुलझा  देता  वक्त, कभी  रूला  कभी हंसा  देता  वक्त। बुलंदियों पर जो करता गरूर बशर, पल  में उठा-पल में  गिरा देता वक्त। साहिर इसके जैसा  नहीं जमाने  में, बनी बिगाड़,बिगड़ी बना  देता वक्त। हम सरीखे शागिर्द का सख्त उस्ताद, लेता है इम्तिहान  सिखा  देता वक्त। ‘दिनेश’ करें […]

लात खाकर भी भूख मिटा देती है माँ, भूखे पेट रहकर भी दुआ देती  है माँ। गांव में छोड़कर शहर आ गया अब, हिचकियां रोज याद दिला देती है माँ। चोट पर मुंह से निकलता है ये शब्द, मुश्किलों को दूर यूं भगा देती है माँ। अमीरी जाजम बिछाती है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।