शास्त्रों में कहा गया है कि
स्त्री माँ के रूप में गुरु होती है,
स्त्री की उपमा माँ, बहन और पत्नी भी होती है
माँ से बड़ा इस दुनिया में भगवान भी नहीं है
बंगले, गाड़ी और एश की दुनिया में,
माँ से बड़ा कोई सम्मान नहीं है
खूब कमा लो नाम और दौलत
चाँद तारे भी भले ही छु लो तुम
दिन दौगूने रात चौगुनी
चाहे कितने ही फूलो तुम
बिना दुआओ से जननी की
ये सब तो आसान नहीं है
माँ अनंत से अनंत सा आगे
उस से बड़ी पहचान नहीं
चेहरे से वो रोग समझ ले
आंखो से मन की बातें
एक तुम्हारी खा शी पर
जाने वो कितनी रातें जग रही
भेज दिया उसे वरूढ़ढाश्रम में
इससे बड़ा अपमान नहीं है
तू क्या साबित करेगा? सज्जन
माँ की असीम क्रूपा ओ को
केसे जान पाएगा तुम माँ की
अनगिनत क्रूपा ओ को?
#गुलाबचन्द पटेल
परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में‘चलो व्यसन मुक्त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।