शाला हमको लगती प्यारी। हम हैं पौधे, वो है क्यारी॥ खेल-खेल में सीखें अब। डंडे नहीं लगते अब॥ करके सीखें,बारी-बारी। शाला हमको लगती प्यारी॥ हमें गुरूजी करें दुलार। माँ जैसा उनका है प्यार॥ नहीं किताबें हम पर भारी। शाला हमको लगती प्यारी॥ शाला रोज जाते हम। ज्ञान का दीप […]