पद पायलें,अनमोल थी सिय दिव्य-दैव्य प्रमान् की। हर जानकी दसकंध ने, बाजी लगा कर जान की। 🏻 हा,राम,लक्ष्मण आइए, लंकेश रावण पातकी। मानी न लक्ष्मण आन वे, दोषी बनी निज जानकी। 🏻 क्रोधी जटायू तब भिड़ा, जाने न दे ,माँ जानकी। सिय मान के,हित जान दे, चिंता नहीं , की […]