*बात पिछली रात की*  जिससे मुहब्बत की जाती है उसे वही तोहफ़ा दिया जाता है जो उसे सबसे ज्यादा पसंद हो, लेकिन कल रात अजीब आशिकों को देखा जो दावा तो मुहब्बत का करते हैं, लेकिन जिससे प्यार करते हैं, उनकी मर्जी के खिलाफ काम करके खूब जश्न मनाते रहे।  […]

*भ्रमर* की तरह ज़िंदगी जीयो कितनी अच्छी होती है ज़िंदगी फूलों से रस लेता है भ्रमर मतलब मिठास को ग्रहण करता वो तुम भी भ्रमर की तरह बनों लोगों के अवगुण नहीं अपितु गुणों को करो ग्रहण तुम मिश्री सी वाणी बोल दिलों में राज करो अदिति रूसिया  वारासिवनी Post […]

यशोमति खुश थी,पति डीएम बन गया था कि,चलो पास न सही दूर है,पर मेरे तो हैं..। भारतीय नारी की तरह सारे गम भुला चुकी थी। पति के इतने बरसों के बेरुख़ेपन के बावजूद ईष्ट का शुक्र मना रही थी। उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी कि,उसका पति अपना लेगा,पास बुला लेगा। […]

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मशहूर अर्थशास्त्री जान मलार्ड कीन्स ने कहा था कि,अगर सरकार के पास काम न हो,तो वो सड़क पर गड्ढे खुदवाए और उन्हें भरवाकर लोगों को रोजगार दे। इस सिद्धांत को साम्यवादी देशों ने खूब अपनाया और अब अब अपनी मुंसीपाल्टी ने भी बहुत अच्छे से समझ लिया है। वह इसका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।