अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ रुदन हासमय गंध लिए मन, दुर्गम पथ का कर अभिनन्दन। मखत्राता मृत्युंजय बनकर, कालवलय से लड़ता तनकर॥ कर विजित समर जीवन सारा। रणबाँकुरा सुकोमल प्यारा॥ अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ त्रयताप नहीं मन की थाती, […]