झरझराता सावन भिगोती वो फुहारें तीज हरियायी सावनाई इठलाई सलोनी नीम पुरवाई घेवर- सिवइयाँ रेशमी राखियों की रेशमाई झरझराती पीली निंबोलियाँ बहुत कुछ समेट लाईं मेघों पर सवार मन बावरा उड़ चला उड़ चला सुदूर दूर जहाँ था नन्हा बचपन माँ का आँचल और माँ के आँगन में खेलती नन्ही […]