वो उड़ती पतंग सा बचपन जो था,वो कहाँ गया। वो जो बिन मौसम होती बरसात , वो कहाँ गयी।। छोटी – छोटी चीजो की वो चाहत जाने कहाँ गयी। वो अपनी बात मनवाने की आदत जाने कहाँ गयी। गुजरते हुए वक्त में सब सपने जैसे कहीं खो से गये। वो […]
बेरोजगार हो गया मन,अब याद किसी की आती नही। मृत हो गए सारे सपने,अब नींद आँखो को आती नही।। बेशर्म हो गए होठ,अब अपमान पर चेहरे पर हँसी है आती। थक गए है अब कदम , बेशर्म मंजिल पास नही है आती।। अब अपने मन को कैसे फिर से मैं […]
नफरतो के बाजार सजे है , धोखो के अंबार लगे है। इधर जाओ या उधर जाओ हर चेहरे पर नकाब लगे है।। रात के अंधेरो का हटाने जैसे कृत्रिम रोशनी सजी है। बस कुछ ऐसे ही इच्छाओं की पूर्ति के सपने सजे है।। ना रोशनी देर तक रोक पाती है […]
हर आहट पर लगता है कुछ होने वाला है। जीवन रूपी माला में कुछ पिरोने वाला है।। रुके हुए जल पर कुछ हलचल है आजकल। लगता है ठहरा हुआ मन हिलोरे खाने लगा है।। बागों में होले होले कुछ पत्तो में सरसराहट सी है। मौसम बदल रहा है, ठंडी हवा […]
रास्ते बेदखल ना करदे तुझे , यूँ अकड़ के भी ना चल। ज्यादा हवा में ना उड़,कम से कम आसमाँ को ना छल।। वो ऊपर जो बैठा है , सब का हिसाब लेगा। पौधे से गिरे पत्तो के अस्तित्व को तू झुठलाता, तू भी गिरेगा नीचे कभी ,खुद को खुदा […]
आत्ममंथन करने में जब मैंने अपनी आत्मा का सानिध्य किया। आत्मग्लानि से भर उठा मन बस जीवन को यूँही अस्तव्यस्त किया।। हर पल हर दम बिना मतलब की इसकी हामी उसकी हामी। लगता ऐसा जैसे जीवन का सूरज किसी नाकामी से अस्त हुआ।। इंद्रधनुष रूपी जब जीवन मे कुछ भी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।