इश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए इस दिल में आते जाते रहिए आप ही मेरी नज़्मों की जाँ थी ये चर्चा भी सरे आम सुनते रहिए सिलिए ज़ुबान तकल्लुफ से लेकिन निगाहें मिलाते रहिए आप मेरी हैं भी और नहीं भी ये जादूगरी खूब दिखाते रहिए आप बुझ जाइए शाम […]

आग लगाने वाले आग लगा चुके पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है ये शगूफा सूरज को कौन बताएगा बाज़ाए में कई”कॉस्मेटिक”चाँद घूम रहे अब आसमाँ के चाँद को आईना कौन दिखाएगा नदी,नाले,पोखर,झरने सभी खुद ही प्यासे तड़पती मछलियों की प्यास भला कौन बुझाएगा […]

कोई क़यामत न कोई करीना याद आता है जब दुपट्टे से तेरा मुँह छिपाना याद आता है एक लिहाफ में सिमटी न जाने कितनी रातें यक ब यक दिसम्बर का महीना याद आता है ज़ुल्फ़ की पेंचों में छिपा तेरा शफ्फाक चेहरा किसी भँवर में पेशतर सफीना याद आता है […]

दूसरों का दिल तोड़ते रहिए बस घर अपना जोड़ते रहिए जहाँ सवाल हो जाए आपसे राह भी वहीं से मोड़ते रहिए जो दिखाता हो असली चेहरा वो शीशा बेधड़क फोड़ते रहिए आवाज़ खिलाफ में एक न हो हर एक की गर्दन मरोड़ते रहिए सच हो जाए खुद से ही परेशान […]

झूठ कहने के तरीके हज़ार हैं साहेब आपके सलीके हज़ार हैं अखबार,व्यापार,सरकार,सरोकार आज सब नंगे खड़े भरे बाज़ार हैं मान गए आप आला खलीफा हैं बेच दिए यूँ ही नहीं मंदिर मज़ार हैं हर कही बात हो ,जरूरी तो नहीं पर आँखों से रोते तो जाऱ जाऱ हैं वक़्त पूछेगा […]

जितना मिला मुझसे, सारे दे दो एक चाँद और चंद सितारे दे दो ढाँपा था जिससे तेरे पतझड़ को मुझे वो सब के सब बहारें दे दो खुली छत की वो  गर्मी की रातें एक कंबल में लिपटी जाड़े दे दो वो धूप के लड़ियों की कतारें मुझे काश्मीर की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।