मानव जीवन की राहों मे इंसानियत का मिलना अच्छे समय की पहचान है इंसानियत को आगे बढ़ाना अच्छेपन की पहचान है अच्छो का साथ निभाना मानवीय सफलता की जान है यह सब तभी होता है जब परमात्मा को हम जान लेंगे बदलते समय को पहचान लेंगे यही अच्छे विचारो का […]

गूंजे मधुरमय गीत सदा हो दिन मंगलकारी सदा बना रहे स्वस्थ्य आपका सम्रद्धिमय जीवन आपका खुशियो भरे हो दिन सारे सुखमय हो परिवार हमारे सदइच्छा पूरी हो आपकी भाग्य में उपलब्धियां आपकी रहे ध्यान ईश्वर आपको सदा ऐसा कर्मयोग करिए सदा यह जन्म संवर जाए आपका परलोक संवर जाए आपका।#श्रीगोपाल […]

हो सतत विकास यह संकल्प हो हमारा हर चेहरे पर मुस्कान हो उद्देश्य हमारा देशहित और समाजहित यह ध्यान रख लीजिए नेकनियति बनाये रखिए तुम्हे यही बड़ा बनाएगी सफलता की मंजिल तक तुम्हे यह पहुंचाएगी है देने वाला हमे कौन यह याद रखना होगा परमात्मा को पाने के लिए परमात्म […]

व्यर्थ चिंतन न किया करो समय यूं ही गवांया न करो बीता समय कभी लौटता नही पाप प्रायश्चित बिन छूटता नही पाप का दण्ड मिलता जरूर यही बना है ईश्वरीय दस्तूर हर एक क्षण पुण्य मे लगा दो परोपकार से भाग्य बना लो सदचिंतन से बदलेगी दुनिया स्वपरिवर्तन से सुधरेगी […]

अपना कौन पराया कौन विपदा ही यह बताती है अपने पराये के भेद को अच्छी तरह समझाती है विपदा आते ही जो साथ छोड़ते अवसरवादी कहलाते है जो विपदा मे साथ निभाते सच्चे हमदर्द बन जाते है जो आँख मूंद विश्वास करे धोखा उन्ही को मिलता है विपदा आती बिना […]

मिले सदा सम्मान ऐसे वचन बोलो मीठी हो वाणी उसमे मिस्री घोलो फिर देखो अपनत्व तुम्हे मिल जायेगा ईश्वर भी स्वयम तुम्हारे पास आएगा मिट जायेगा अँधेरा तुम्हारे जीवन से भाग्य का सूरज चमक जायेगा: श्री गोपाल नारसन Post Views: 240

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।