आस लगाए बैठा हूं तुमसे, बरसोगे कब,बताए रे बदरा। सावन बीता सूखा-सूखा पर, भादो आस,जगाए रे बदरा। जो था पास मेरे वो खेतों पर, बैठा हूं सब,लगाए रे  बदरा। अंतिम आस तुम्हीं हो पर , दिल भी,घबराए  रे बदरा। कहलाता है अन्नदाता पर, फसल अब,रुलाए रे बदरा। भूख सभी की […]

  जैन मुनियों के बारे में बहुत से लोगों को जानकारी न होने के कारण बहुत सारी गलत धारणाएं मन में व्याप्त हैं,जिसके कारण लोग उन्हें सही ढंग से समझ नहीं पाते हैं और भला-बुरा कहते हैं,जबकि हकीकत कुछ और ही होती है। वैसे तो उनके बारे में हम जैसा […]

दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन दर्शन के राहु बेचैन। चंद्रा प्रभु भगवन की,महिमा ऐसी जो है गा रहा संजय है, ऐसी महिमा को॥ दर्शन से तेरे मिलता है चैन,बिन…॥ ऊँचे-ऊँचे पर्वत,पर तेरा बसेरा है। चढ़ न पाऊं मैं,जब तक तेरा सहारा न हो कैसे करूँ, तेरा दर्शन। मार्ग दिखाओ […]

(नागपंचमी विशेष) एक जानकारी के मुताबिक उड़ने वाले सांपों की प्रजाति का पता चला है। दक्षिण अमेरिका में इस प्रकार की प्रजाति के सांप के फन अवशेष शोधकर्ताओं को प्राप्त हुए हैं। टेरासोर की नई  प्रजाति को `ऑलकारेन` नाम दिया गया। शोधकर्ताओं का प्रमुख उद्देश्य उड़ने वाले सांप समूह की उत्पति व […]

    कई वर्षों बाद अपने गाँव जाऊंगा, जाऊंगा और मिलूंगा सबसे… आराम से अपने गाँव,मोहल्ला,स्कूल,पीपल का पेड़, काका-काकी,अपने खेत-खलिहानों,पुराने कुए, कालू बनिया और महुए का पेड़ सबसे… और सभी तो याद है लगभग पर भूल चूका हूँ, महुए का पेड़ उसकी लम्बाई उसका आकार पत्तियां और उसकी जगह, क्योंकि […]

सुने जो तेरे ये हालात,दिल डूब गया, चला था मैं जो तुम्हें जीना सिखाने, ख़ुद ही भूल गयाl न मेरे पास वो अल्फ़ाज़ बचे, न दिल में अब वो साहस है.. कैसे समेटूँ मैं तुझको, देख के तेरे ये ग़म , मैं ख़ुद ही बिखर गयाl हर आँसू को पी लेना, हर ग़म को हंस के जी लेना.. यही तो कहता रहा मैंl मगर देख के तेरे आँसू, मैं ज़िंदादिली भूल गयाl #डॉ.संजय यादव परिचय : राजस्थान के ज़िला-झुंझनू में डॉ.संजय यादव का मूल निवास हैl गाँव-पचेरी छोटी(तहसील-बूहाना) के डॉ.यादव की शिक्षा एमबीबीएस है,और वर्तमान में दिल्ली में ही रहकर कार्य कर रहे हैंl ग़ज़ल,कविताएँ और मुक्तक लिखने का शौक रखते हैंl सामाजिक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।