हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो… निर्मल गंगा जैसी हो, हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो…। अपने गुण से, अपने सौंदर्य से सबको मोहने लगती हो, हे नारी,क्यों तुम ऐसी हो…। सबको क्यों, तुम अच्छी लगती हो.. इसमें कोई शक नहीं.. कि तुम बड़ी अच्छी लगती हो… मन में बनकर चाहत… बड़ी […]