थाल पूजा का लेकर चले आइये / च्नद्रप्रभु का जिनेन्द्रालय यहाँ पर बना / आरती के दियो से करो आरती / और पावन सा कर लो ह्रदय अपना / थाल पूजा का लेकर चले आइये / मन में उमड़ रही है ज्योत धर्म की / उसको यूही दबाने से क्या […]

सर उठा कर चल नही सकता बीच सभा के बोल नही सकता घर परिवार हो या गांव समाज हर नजर में घृणा का पात्र हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! जिंदगी खुलकर जी नहीं सकता चैन की नींद कभी सो नही सकता हर एक दिन रात रहती है चिंता जैसे दुनिया में कोई श्राप हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! दुनिया के ताने कसीदे सहता, फिर भी मौन व्रत धारण करता, हरपल इज़्ज़त रहती है दाँव पर, इसलिए करता ईश का जाप हूँ ! क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! जीवन भर की पूँजी गंवाता फिर भी खुश नहीं कर पाता रह न जाए बेटी की खुशियो में कमी निश दिन करता ये आस हूँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! अपनी कन्या का दान करता हूँ फिर भी हाथजोड़ खड़ा रहता हुँ वरपक्ष की इच्छा पूरी करने के लिए जीवन भर बना रहता गूंगा आप हुँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !! देख जमाने की हालत घबराता बेटी को संग ले जाते कतराता बढ़ता कहर जुर्म का दुनिया में दोषी पाता खुद को आप हूँ क्योकि “बेटी” का बाप हूँ !!        #संजय जैन परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के […]

बचपन की यादो को भूलाया जा नहीं सकता / दादा दादी नाना नानी का प्यार, कभी भी दिल दिमाग से मिटाया जा नहीं सकता / अपनो का प्यार कैसा भी रहा हो , पर उसे जीवन के पन्नो से भुलाया जा नहीं सकता  / बड़ी मुश्किल में हूँ, कैसे इज़हार […]

दोस्तों आज हमारा देश जिस दौर से गुजर रहा है उस सब के जिम्मेदार भी हम सभी लोग है / यदि समय रहते पहले से ही हम और आप शतर्क हो जाते तो शायद हमें आज ये दिन देखने को नहीं मिलते / पहले तो  हम लोग सस्ते समाने समझ […]

लोग मेरी मुस्कान का राज पुछते हैं I क्योंकि, मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की I जिंदगी से जो मिला कबूल किया I किसी चीज की फरमाइश नहीं की I१I मुश्किल है समझ पाना मुझे I क्योंकि, जीने के अलग है अंदाज मेरे I जब जहां जो मिला अपना […]

मेरे दिल कि सरहद को पार न करना I नाजुक है दिल मेरा वार न करना I खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर I इस भरोसे को तुम बेकार न करना I दूरियों की ना परवाह कीजिये I दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये I कहीं दूर नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।