उस पिक्षि कमंडल वाले के, चरणो में खो जाऊ / मेरा जी करता है, विद्यागुरु के नित दर्शन पाऊ/ देखी है दुनिया सारी, ये मतलब दीवानी / बिन मतलब रिश्ता ने जोड़े, ये कहते नई कहानी / किस किस को में अपनाउ, किस किस को ठुकराऊ / मेरा जी करता […]
sanjay
बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। धर्म की आज्ञाओं […]