मजदूरी करके भी हमको उसने पढ़ाया है । कचौड़ी के बदले उसने सूखी रोटी खाया है । हम पढ़-लिखकर इन्सान बनेंगे, यह उम्मीद उसने खुद में जगाया है । जब पिया सिगरेट बेटा,देख वह शरमाया है । उसने नशा का मूँह ना देखा,बेटे ने शिखर आज चबाया है । उसकी […]

आज विद्यालय आते हीं शोभना की नजरें 26जनवरी की ईंचार्ज मैडम कलावती को ढूँढ रही थी।मैडम कलावती भी शोभना से नजरें चूरा रही थी जैसे उनकी कोई गलती पकड़ ली गई हो। मध्यांतर के बाद आखिर शोभना को मैडम मिल हीं गई।उसने बिना देर किए पूछ दिया-“मैडम बस मुझे इतना […]

पांच, दस, पंद्रह या इससे भी ज्यादा …। हर साल श्रावण मास की शुरूआत के साथ ही मेरे जेहन में यह सवाल सहजता से कौंधने लगता है। संख्या का सवाल श्रावण में  कंधे पर कांवड़ लेकर अब तक की गई मेरी तारकेश्वर की पैदल यात्रा को लेकर होती है। आज […]

उलझी उलझी जुल्फों को यूँ सुलझाया ना करो, पास बुलाकर तुम अपने हाय यूँ सताया ना करो l उम्मीद जाग उठती हैं मिलन की तेरे दीदार से, जगते सपनो को यूँ रोज तुम रुलाया ना करो l हैं जन्नत मेरी तेरी नजरों के समंदर के पार, मेरी कश्ती को लाकर […]

तेरे पग- तल में फूल बिछे, रसना पर शारद मुस्काएँ। प्रियजन तुझको पाकर अक्सर, दुनिया के सम्मुख इठलाएँ।। हाथों  में  तेरे  कीर्तिकला, उर में मनमोहक किसलय हो। अवधेश कृपा आशीष तले, शत जन्मदिवस मंगलमय हो।। दो फूल तुम्हारे आँचल में, तेरा जीवन गुलजार करें। माता लक्ष्मी नित आ करके, धन […]

करते है रक्षा अपनी और अपने लिए ही मरते हैं। अपनों के सुख-दुख के खातिर वो सीमा पर लड़ते हैं।। जान भले चले जाये लेकिन, आन-बान और शान रहे। मतलब नहीं दुनियादारी से ,जिंदा हिंदुस्तान रहे।। माँ-बेटी और पत्नी-बहन को छोड़ के ये चले आते है। देश की रक्षा के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।