यदि आप कविता लिखते हैं तो सावन ऋतु के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता। विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें सावन / व्रत / त्यौहार या उनसे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट […]

इंदौर । मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वर्ष 2023 का हिन्दी गौरव अलंकरण डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित (उज्जैन) और प्रो. संजय द्विवेदी (नई दिल्ली) को प्रदान किया जाएगा। 19 फ़रवरी को इंदौर में अलंकरण समारोह आयोजित होगा। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘अलंकरण का यह चौथा […]

मातृभाषा उन्नयन संस्थान का प्रतिष्ठित सम्मान देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए दृढ़ता से कार्य करने वाले प्रतिष्ठित ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा हिन्दी भाषा की अनवरत सेवा के लिए प्रदान किए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ‘हिन्दी गौरव अलंकरण’ है। इसकी शुरुआत वर्ष 2020 से हुई […]

इन्दौर। हिन्दी कवि सम्मेलन अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस शताब्दी वर्ष की स्मृतियों को स्थायी बनाने के उद्देश्य से कवि सम्मेलन की नवांकुर पीढ़ी को मातृभाषा उन्नयन संस्थान ‘काव्य दीप सम्मान’ से सम्मानित कर उन्हें हिन्दी कवि सम्मेलन के शताब्दी वर्ष से जोड़ेगा। मातृभाषा उन्नयन संस्थान […]

कविकुल के गौरव और पूर्व प्रधानमंत्री पं. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लिखा है कि ‘भारत केवल एक भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि जीता–जागता राष्ट्रपुरुष है’ अर्थात् स्पष्ट तौर पर भारत के भारत होने का कारण यहाँ की संस्कृति,यहाँ के संस्कार और यहाँ की विरासत है। भारत की ताक़त, भारत […]

सृजन, चयन, लेखन के मौलिक गुणों के साथ संसार में स्त्री को सृजक के साथ-साथ कुशल नेतृत्वकर्ता भी माना जाता है, और स्त्री उस दायित्व में भी अपनी अदद पहचान के साथ समाज का गौरव बनकर उभरीभी है, ऐसे सैंकड़ो उदाहरण हमारे सामने उपलब्ध हैं। एक स्त्री को सृजन और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।